प्रमोटर जिस मिनट जुड़ते हैं उस समय उनका उत्साह सबसे अधिक होता है। शामिल तो कोई भी हो सकता है लेकिन सफलता सबकी नहीं होता है।
एमएलएम में सफल होने के लिए आपको जिन 2 आरंभिक काबिलियतों को सीखने की जरूरत है उन पर ध्यान रखते हुए, तुरंत ही, नए प्रमोटरों को नकल करने की राह पर भेज दें।
रफ्तार की जीत होती है...हर बार! यह बहुत अहम है कि 24 घंटों के दौरान उनके टॉप 25 संभावित लोगों को आमंत्रित करना शुरु कर दिया जाए।
लक्ष्य है कि योग्यता पाने में उनकी मदद करने के लिए अगले 72 घंटों के अंदर उनके पहले 2 प्रमोटरों को निजी तौर पर स्पांसर करके मदद की जाए – एक बाईं लेग में और दूसरा दाईं लेग में।
इसे कहा जाता है: “72 में 2”। जब यह होता है, तो नए प्रमोटरों में बहुत बड़ा बदलाव आता है वे प्रेरित होने से लेकर मोटीवेटर बनने लगते हैं।
एक और बहुत ही महत्वपूर्ण बात है जो है आपकी टीम की वॉर्म मार्केट। इसे आपकी बड़ी वॉर्म मार्केट कहा जाता है।
उदाहरण के लिए, आपने जो और सू दो लोगों को स्पॉन्सर किया। अब आपके पास खुद की 500-लोगों की वॉर्म मार्केट है, साथ ही 1,000 लोगों की एक बड़ी वॉर्म मार्केट है (जो के वॉर्म मार्केट से 500, और सू की वॉर्म मार्केट से 500)। यह कुल मिलाकर 1,500 वॉर्म मार्केट की लीड है।
जब आपके पास केवल 10 प्रमोटरों की टीम हो, तब आपके पास बिना किसी अजनबी से बात किए आमंत्रित करने के लिए 5,000 संभावित लोगों की वॉर्म मार्केट है।
आपको फौरन ही जोई और सु के साथ उनकी वॉर्म मार्केट में काम करना शुरू कर देना चाहिए। इसे कहा जाता है गहराई का निर्माण। इससे आप हमेशा वॉर्म मार्केट में काम कर पाएँगे, साथ ही इसे “विश्वास का चक्र” के नाम से जानते हैं।
इस काबिलियत को सीख लीजिए और आपको कभी भी “अजनबियों को कोल्ड मार्केट बेचकर” नौसिखिया सेल्सपर्सन बनने का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। नए प्रमोटर संपर्क की मदद कीजिए और उनके वॉर्म मार्केट को हर दिन आमंत्रित कीजिए। उनके दोस्तों, परिवार, और बिजनेस के साथियों के साथ काम करके उन्हें टीमवर्क दिखाइए।
क्या आप अपने निजी तौर पर स्पांसर किए गए प्रमोटरों के साथ हर दिन काम कर रहे हैं?
क्या आप उनके निजी तौर पर स्पांसर किए गए प्रमोटरों के साथ हर दिन काम कर रहे हैं?
अगर दोनों का जवाब “हाँ” है, फिर तो शानदार बात है। अगर नहीं, तो इसकी जरूरत है।
आपकी पहली प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि आपकी टीम के सभी लोग सफलता के इन 4 कदमों को जानते और आगे सिखाते हैं। किसी टीम की ताकत का एकमात्र सही पैमाना यह है कि उसमें ऐसे लीडरों की संख्या है जो डुप्लिकेट कर रहे और सिखा रहे हैं।
अगर आपके नए प्रमोटर पहले 72 घंटों में योग्यता नहीं हासिल कर पाए हैं, तो यह एक संकेत है कि वे सिस्टम का पालन नहीं कर रहे हैं।
कृपया तुरंत उनके साथ संपर्क कीजिए और “72 में 2” के महत्व पर जोर दीजिए।